Tuesday, July 14, 2009

गरड़-गळळ-गरड़-गरळ

अभी पिछली दो रातों से मैं रात को ज्यादा अच्छे से सो नहीं पा रहा था। यहाँ पुणे में थोडी बरसात के कारण ठंडक बढ गई है ना, और लगता है इसी कारण मुझे तकलीफ़ हो रही है।

मैने तो रात को मम्मा और डैडू को खुब जगाया। अरे वाह! मैं जागुँ और वो लोग आराम से सोयें। ये हो नहीं सकता, और मैं होने नहीं दुंगा। ही ही ही।

पता नहीं गले में या सीने में क्या हो रहा था। गरड़-गळळ..सी आवाज़ आ रही थी। मैने डैडू को कहते सुना कि शायद कफ़ हो गया है। ये कफ़ क्या होता है? मम्मा ने तो मेरी सीने पर गरम गरम कपड़ा भी लगाया था। उससे मुझे अच्छा फ़ील हो रहा था। डैडू तो कंधे पर डाल कर नींद में ही चल रहे थे, और मै? मुझे तो कंधे पर अच्छा लग रहा थ। अच्छे से साँस ले पा रहा था ना। रात को बोले कि सुबह दवाखाने ले जायेंगे।

फ़िर मुझे सुबह हॉस्पिटल ले कर गये थे। वहाँ खुब सारे मेरे जितने ही बच्चे थे। अपने अपने मम्मा की गोदी में। कुछ कुछ तो रो भी रहे थे। मैं तो बिल्कुल नहीं रो रहा था। हाँ बस मैने मम्मा को बैठने नहीं दिया। मुझे बैठना पसंद नहीं है। बैठने के बाद सब लोग मुझसे बड़े ही दिखते हैं, मुझे लगता है कि मुझे छोटा दिखना पसंद नहीं। मम्मा (एक्चुली डैडू) के कंधे पर चढने के बाद मैं सबसे उंचा हो जाता हूँ। और फ़िर उपर लगे हुए बल्ब और पंखे भी एकदम पास आ जाते हैं ना। मुझे तो वह पास से देखने में ही मज़ा आता है।

हम लोगों को थोड़ा इंतजार करना पड़ा। फ़िर हमारा नंबर आया। बाबा भी थे हमारे साथ में विदुला ताई को ले कर।
डॉ आंटी बहुत अच्छी थीं, मुझसे हँस-हँस कर कुछ कह रही थी, पहले तो वो विदुला ताई से भी हँस हँस कर बात कर रहीं थीं फ़िर पता नहीं उन्होने क्या किया तो ताई बहुत जोर से रोने लगी। शायद टुश (इंजेक्शन) किया होगा। थोड़ी देर बाद ताई चुप हो गई थी। मुझे तो बड़ा डर लगा। मुझे लगा कि मुझे भी टुश करेंगे।

फ़िर उन्होने मुझे देखा, और फ़िर मेरा वजन लिया, और मेरी height भी मापी। पता है, मैं पुरे ५.३७ कि. का हो गया हूँ। I am a strong man! डॉ. आंटी बोलीं कि मेरी growth एकदम बढिया चल रही है। होनी ही है। खुब खाता हूँ, खुब सोता हूँ, और खुब फ़ुटबाल (पैर चलाना) खेलता हूँ।

अरे एक बात तो बताई ही नहीं, मैंने एक नई चीज सीखी है। अपने पैरों को चला चला कर अपने नीचे का प्लास्टिक और कपड़ा हटा देता हूँ। और पैरों से धक्का ले ले कर खसकना तो पहले ही आ गया था।

बस ये गले से कफ़ निकल जाए तो मजा आ जाये।

उसके लिये डॉ. आंटी ने एक मीठी से दवाई लिख ही दी है, और एक नाक में डालने वाली भी। अभी तक तो कभी अपनी नाक में कुछ डाला नहीं, देखते हैं ये कैसी लगेगी।

एक बात आपको कहनी थी, आप सबको तो पता ही है कि डैडू कितने आलसी है, मेरा फ़ोटो ही नहीं लगाते। आप लोग मम्मा से बोलो ना प्लीज मेरे फ़ोटो लगाने को।

प्लीज...! प्लीज...!!

बोलोगे ना??

2 comments:

  1. प्रांजय की मम्मी.. प्रांजय के अच्छे अच्छे फोटो लो और हमें दिखाओ..

    बेटा तुम्हारा वजन एकदम ठीक है..

    प्यार..

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  2. प्रांजय की मम्मा जी, प्लीज प्रांजय की फोटो लगाया करो :)

    ....लो प्रांजय बेटा, हमने तो आपकी मम्मा को बोल दिया....अब हमसे दोस्ती करोगे ?

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