Wednesday, July 1, 2009

मैं हूँ प्रांजय

नमस्कार! सलाम! सत श्री'काल। हैल्लो!

मैं हूँ प्रांजय!

मैने आज ही से ब्लागिंग शुरु की है। मेरे डैडू ने कल ही मेरा पहला इमेल पता और ब्लाग बनाया है ताकि मैं आप सबसे बातें कर सकूँ। आपकी जानकारी के लिये बता दूँ कि मैं अभी बहुत छोटा हूँ, सच्ची, इसीलिये मेरे बदले या तो डैडू या फ़िर मम्मा मेरी बातें लिखेंगी। पर सिर्फ़ तब तक जब तक कि मैं खुद लिखने लायक बड़ा ना हो जाउँ।

वैसे अभी क्या पुछ रहे थे आप? मैं कितना छोटा हूँ? अरे वो तो मैने यूँही कह दिया था, मैं तो बड़ा हो चुका हूँ। आज इस दुनियाँ में, अपने मम्मा-डैडू, दादा-दादी, नाना-नानी, काका-काकू, शाशा माउशी, प्यारी सी विदुला ताई, बाकि परिवार वालों और आप सब के पास आकर मुझे पूरे दो महीने और एक दिन हो चुके हैं।

जी हाँ मेरा जन्मदिन है: ३० एप्रिल २००९

मैं तो कल से ही लिखना चाहता था, पर क्या है ना कि डैडू को समय नहीं मिला, पर कोई बात नहीं, लेट लिखने के लिये मैं उन्हें माफ़ करता हूँ। (अभी तो उन्हें पटा कर रखना पडेगा ना, आखिर अभी ब्लाग उन्हीं से जो लिखवाना है)

वैसे यह इमेल और ब्लाग मेरा दूसरे महीने वाले बड्डे का गिफ़्ट है। हाँ।

तो मैं अभी चलता हूँ और फ़िर यहीं आप लोगों से मिलता रहुँगा।
आप लोग भी मुझसे मिलने आते रहना, ठीक है?? आओगे ना??

प्रायवेट बात: मेरे डैडू बहुत आलसी हैं, मेरे ब्लाग को अच्छे से सजा ही नहीं रहे। आप लोग उन्हें आयडिये दो ना अच्छे-अच्छे।

2 comments:

  1. स्वागत है प्रांजय..

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  2. वैसे कुछ आईडिया (आदित्य aadityaranjan.blogspot.com) से लेलो..

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लगता है आप मुझसे कुछ कहना चाहते हैं। कहिये कहिये, अब कह भी दीजिये ना...