वैसे तो मैं रात को 'कभी-कभी' सो भी जाता हूँ, मगर जब मेरा पुरी तरह जागने का मूड होता है ना तो फ़िर बस्स...
अब डैडू तो मुझे रात को ही दिखते हैं। अरे मेरा मतलब है कि सुबह जब वो ऑफ़ीस जाते हैं तो उस वक्त तो मैं गहरी नींद में रहता हूँ ना। मुझे कैसे पता?? अरे मम्मा बताती हैं ना मुझे दिन में।
तो जब डैडू रात को मेरे पास आते हैं तो मेरा फ़र्ज बनता है ना कि मैं "उन्हें पुरा अटेण्ड" करूँ।
जब तब वो खाना खाते हैं तब तक तो मैं अपना खाना खतम कर के एक छोटी सी नींद निकाल लेता हूँ। बस, फ़िर जब मैं उठता हूँ तो फ़िर मजा आता है।
डैडू चुपचाप से सोने की तैयारी करते रहते हैं और मैं उन्हें पकड़ लेता हूँ।
एक बार जो चढता हूँ उनके कंधे पर, फ़िर मुझे वहाँ से उतार के देख लो। मैं इतना उन्हें "ऊँऊँऊँआँ..ऊँऊँऊँआँ.." करके सुनाता हूँ कि वो बिचारे मुझे उतारने का सोचते तक नहीं।
ही ही ही ..बड़ा मजा आता है, जब वो मुझे उठा कर चहलकदमी करते रहते हैं।
हाँ, फ़िर होता ये है कि बाबा डैडू की मदद को चले आते हैं। उनकी गोद में मुझे भी बड़ा अच्छा लगता है, और वो तो कभी मुझसे नहीं थकते। चाहे कितनी ही रात क्यों ना हो। उनकी गोद में घुम घुम कर जब मैं थक जाता हूँ तब मुझे कब नींद आ जाती है, पता ही नहीं चलता।
सब लोग मुझे कहते हैं कि मैं गलत देश में पैदा हो गया हूँ। मेरे नींद और जागने के कार्यक्रम से तो लगता है कि मुझे यू.एस. में होना चाहिये था।
मम्मा-डैडू तो बोलते भी है कि मैं यू.एस. शिफ़्ट में काम करता हूँ। ही ही ही।
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JIYO HAZARON SAAL....
ReplyDeletebahut pyara bachha....aasheervaad
ReplyDeleteचले आओ यू एस!!
ReplyDeleteसमीर अंकल ठीक कह रहे है.. मस्त राम..
ReplyDeleteप्यार